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कोयला खदान में फिर हुआ हादसा, अरविंदों कंपनी के मैकनीकल इंजीनियर के हाथ कटे, मशीन का ऑपरेटर मशीन की चपेट में? – Madhya Pradesh Voice

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कोयला खदान में फिर हुआ हादसा, अरविंदों कंपनी के मैकनीकल इंजीनियर के हाथ कटे, मशीन का ऑपरेटर मशीन की चपेट में?


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09/05/2025 12:12 AM Total Views: 262079

सुबह सुबह हुए हादसे ने खोली सुरक्षा इंतजामों की पोल


सारनी। वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड पाथाखेड़ा क्षेत्र में हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इससे जहां कोल प्रबंधन के सुरक्षा इंतजाम की पोल खुल रही है। वहीं कामगार, कर्मचारियों में भय का माहौल बन रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे तवा-टू खदान से कंटीन्युअस माइनर निकालते समय फीडर ब्रेकर मशीन की चपेट में आने से अरविंदों कंपनी में मौकनीकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत राजेन्द्र रेड्डी के दोनों हाथ कट गए। इस घटना से वेकोलि पाथाखेड़ा क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में घायल को वेकोलि पाथाखेड़ा चिकित्सालय लाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद नागपुर के चांढक अस्पताल रेफर किया है। इससे पहले इसी मशीन की चपेट में आने से एक मजदूर का पैर खराब हो गया था। वहीं 6 मार्च 2025 को जेएमएस कंपनी की कंटीन्युअस माइनर वाले विभाग में रूफ फाल होने से दो माइनिंग सुपर वाइजर और एक अंडर मैनेजर की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना पर केंद्रीय राज्य मंत्री से लेकर सीएम तक सभी ने दुख जताया था। साथ ही सुरक्षा इंतजाम को लेकर कोल इंडिया में पाथाखेड़ा क्षेत्र को आलाअफसरों ने नसीहत दी थी। बावजूद इसके घटना की पुनरावृत्ति होने से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि जब से अरविंदों पाथाखेड़ा क्षेत्र की कमान जीएम गणेश ने संभाली है। तब से कंपनी नुकसान में चल रही है। इनके व्यवहार से लगभग सभी कामगार नाखुश है। हालात यह है कि अरविंदों कंपनी के कामगार पिछले जीएम को याद कर रहे हैं।

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एक पंजा तो दूसरा हाथ कटा

तवा-टू खदान से फीडर ब्रेकर बाहर निकालने के दौरान राजेन्द्र रेड्डी का एक हाथ का पंजा तो दूसरा हाथ कट गया। यह दृश्य जिस किसी ने भी देखा वह दहल गया। दरअसल दोनों हाथ के पंजे चमड़ी के सहारे लटक रहे थे। पाथाखेड़ा अस्पताल में इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के चलते घायल को तत्काल नागपुर रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि मशीन की चपेट में आने से काफी देर तक राजेन्द्र के दोनों हाथ फंसे रहे। काफी कोशिश करने के बाद भी जब हाथ नहीं निकले तो चिकित्सक टीम खदान के लिए रवाना हुई। हालांकि चिकित्सक खदान पहुंचते इससे पहले ही घायल को निकालकर साथी कामगार, कर्मचारी अस्पताल के लिए निकल पड़े थे।

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मशीन को निकाल रहे हैं बाहर

सुरक्षा के साथ कोयला उत्पादन को लेकर साल 2021 में तत्कालीन कोल इंडिया चेयरमेन प्रमोद अग्रवाल की उपस्थिति में तवा-टू खदान में कंटीन्युअस माइनर का शुभारंभ किया था। इस दौरान इस मशीन को पाथाखेड़ा क्षेत्र का भविष्य बताया गया था। 7 अकटूबर को मशीन का शुभारंभ हुआ था और 7 अप्रैल 2025 को मशीन खदान से बाहर निकालते समय हादसे में इंजीनियर के दोनों हाथ कट गए। बताया जा रहा है कि यह मशीन साल 2024 से कोयला उत्पादन में पूरी तरह सहयोग नहीं दे रही। लक्ष्य पूरा नहीं करने पर अरविंदों कंपनी पर पैनाल्टी लग रही है। इतना ही नहीं, पार्ट्स सप्लाई करने वाले विभाग के करीब 9 करोड़ रुपए के बिल भी बकाए हैं। फिलहाल पिछले कई महीनों से मशीन को खदान से बाहर निकालने का कार्य चल रहा है।

हालांकि इस घटना को लेकर WCL के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है की राजेंद्र जिस मशीन के चपेट में आया उस मशीन को वह स्वयं ऑपरेट कर रहा था और इस मशीन को ऑपरेट करने के लिए ट्रेनिं ऑपरेटर ही रखा जाता है। जोक कंपनी की जवाबदारी होती है। तो यह WCL की सुरक्षा व्यवस्था में कमी कैसे मान लिया जाए।

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