रेत माफिया का आतंक! 27 करोड़ का ठेका, अरबों की लूट, प्रशासन की मिलीभगत से प्राकृतिक धरोहर तबाह!
21/04/2025 2:06 AM Total Views: 208672
यह सिंडिकेट का मामला है, अधिकारी, कर्मचारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक बट रहे है लिफाफे, तभी सुस्त है प्रशासन !
बैतूल। बैतूल जिले में रेत माफियाओं का सिंडिकेट खुलेआम तांडव मचा रहा है! 27 करोड़ के ठेके पर अरबों की लूट, प्रशासन की मिलीभगत से प्राकृतिक धरोहर को किया जा रहा है तबाह! जिले की 42 रेत खदानों का ठेका परम डिस्ट्रीब्यूटर ने लिया है, लेकिन सिंडिकेट के जरिए इन खदानों के आसपास के क्षेत्रों में रेत का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है।
सेंड माईनिंग सिंडिकेट का संरक्षण ?
रेत माफियाओं का सिंडिकेट अवैध रूप से रेत खनन और बिक्री में शामिल लोगों का एक संगठित समूह है। वे अक्सर स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप साक्ष्य के साथ दर्जनों शिकायतों के बावजूद लोनिया खदान से अवैध खनन को रोकना नामुमकिन प्रतीत हो रहा है।
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अनुबंध की धज्जियां, प्राकृतिक धरोहर का चीर हरण!
ठेकेदार को अनुबंध के हिसाब से रेत उठाना है, लेकिन जिले के आसपास की कई खदानें ऐसी हैं, जिनमें मुट्ठी भर रेत भी नहीं निकलती। ऐसे में रेत माफिया सिंडिकेट के माध्यम से इन खदानों के आसपास के क्षेत्र की प्राकृतिक धरोहर का चीर हरण कर रेत का अवैध खनन कर रहे हैं।
लगाम की जगह ‘लिफाफा’, प्रशासन की मिलीभगत का आरोप!
सूत्रों का कहना है कि सिंडिकेट ने प्रशासन को इतना दबा रखा है कि शिकायती ऊपर तक होने के बावजूद खनिज विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति की कार्यवाही कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। सिंडिकेट का एक प्यादा सफेद बोलेरो में आकर क्षेत्र में लिफाफे के जरिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और कलम को रोकने की कीमत दे जाता है। जिससे कि क्षेत्र में अवैध रेत खनन, परिवहन जैसे खबरों पर लगाम लगाया जा सके। सिर्फ प्रकाशित हो तो प्रशासन द्वारा कार्यवाही की।
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नए सप्लायर को टारगेट, वाहवाही लूटने का खेल!
रेत माफिया सिंडिकेट नए सप्लायर को टारगेट कर प्रशासन के सुपुर्द कर देता है, ताकि प्रशासन की वाहवाही बनी रहे। जिसके चलते प्रशासन को बार-बार अवगत कराने के बाद भी करवाई नाम मात्र की की जाती है।
लोनिया खदान, विवादों का अड्डा!
खेरवानी के पास स्थित लोनिया खदान अक्सर विवादों में घिरा रहता है। इस खदान के आसपास भी रेत का अवैध खनन जोरों पर है, कई बार ग्रामीणों ने रेत माफियाओं को खदान छोड़कर खेत के आसपास से रेट उठाने को लेकर ग्रामीण क्षेत्र से खदेड़ा है। बावजूद इसके प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
कब जागेगा प्रशासन?
बैतूल जिले में रेत माफिया का आतंक चरम पर है। प्रशासन को बार-बार अवगत कराने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। क्या प्रशासन रेत माफिया के आगे बेबस है? क्या इस लूट को रोकने वाला कोई नहीं है? कब जागेगा प्रशासन और कब मिलेगी जिले को रेत माफिया से मुक्ति?
इनका कहना है :—
- बैतूल जिले में परम डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा 27 करोड़ में रेत का ठेका लिया गया है। किंतु ठेकेदार द्वारा खनिज नियमों का बेखौफ उल्लंघन किया जा रहा है। हमारे द्वारा जिला कलेक्टर, खनिज विभाग एवं पुलिस अधीक्षक को भी अवैध रेत उत्खनन की जानकारी से अवगत कराया गया है। और अब जल्दी ही रेत खदान एवं खेरवानी मैं हो रहे अवैध रेत भंडारण पर धरना दिया जाएगा ताकि रेत माफियाओं की सिंडिकेट द्वारा खनिज विभाग राजस्व एवं शासन को अधिकारियों की मिली भगत से हो रहे नुकसान से अवगत कराया जाएगा।
अजय सोनी, प्रदेश संयुक्त सचिव आम आदमी पार्टी
- वर्तमान में भी लगातार रेत का अवैध उत्खनन जारी है, शिकायत के बाद खदान का सीमांकन मात्र करवाया गया है जिसमें रेत बेहद कम है। पूर्व की जांचों में अवैध उत्खनन की पुष्टि करने के बाद भी खनिज, राजस्व व वन विभाग के माध्यम से अब तक अवैध उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई नहीं की गई है। मामले को लगातार टालने का प्रयास अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। खनिज इंस्पेक्टर एवं डीएफ़ओ को वर्तमान स्थिति की जानकारी भी दी है।
आदिल खान, अध्यक्ष, सतपुड़ा बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन सोसाइटी।
- समय-समय पर हम कार्यवाही करते रहते हैं। खेरवानी के लोनिया खदान से अवैध भंडारण व अवैध उत्खनन हो रहा है तो आप बताएं हम मौके पर पहुंचकर कार्यवाही करेंगे।
भगवंत नागवंशी, खनिज अधिकारी बैतूल
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