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सारणी: एनजीटी हटते ही नदियों को लूटने लगे रेत माफिया, लोनिया से आमला पहुंच धड़ल्ले से चल रहा रेत का काला बाजार


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07/11/2024 10:09 AM Total Views: 265830

बैतूल/सारनी। एनजीटी हटते ही रेत ठेका कंपनी दौड़ाने लगी अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर ट्राली। ग्राम लोनिया, विकलाई राजेगांव खापा, तेंदूखेड़ा, खेरवानी और मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को जीवनदायिनी देने वाली लोनिया नदी से रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। यही नहीं नगर के बीचो-बीच रेत से भरे तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्रिलियो के आतंक से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। रेत माफिया अवैध कालाबाजारी करने के लिए बिना सील लगी पर्चियों का उपयोग कर रहे हैं। इन पर्चियों पर कहीं भी ठेकेदार या कंपनी का नाम नहीं लिखा। न ही संबंधित एजेंसी या खनिज विभाग की सील है। इस कालाबाजारी में दिनरात रेत की ढुलाई कर लाखों रुपए की रायल्टी बचा कर शासन को चूना लगाया जा रहा है। इसमें ठेकेदार, अधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलकर अवैध काम कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले से अनजान बनकर कार्रवाई करने की बात कर रहे है।

ओवर लोडिंग से क्षतिग्रस्त हो रहीं ग्रामीण सड़कें

लोनिया नदी की रेत से भरे ओवरलोड डंपरों और ट्रालियों के ग्रामीण सड़कों से गुजरने के चलते ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। आलम यह है कि लंबे समय से क्षेत्र के लोनिया तटों से रेत का अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकतर सड़कें रेत के ओवरलोडिंग के चलते लगभग लगभग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। जिन पर बारिश के समय आवागमन में ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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अवैध पर्चियों के माध्यम से तीरभाटा, तेंदूखेड़ा और खापा की नदियों से किया जा रहा खनन।

सारनी से छिंदवाड़ा नेशनल हाईवे मुख्य मार्ग पर खनिज जांच नाका की आड़ में कंपनी के गुर्गे रोजाना आधा सैंकड़ा से ज्यादा भरी वाहनों से रेत का परिवहन करवा रहे है। रेत ठेका कंपनी द्वारा रेत से भरे ट्रैक्टर ट्राली 1हजार रुपए प्रति ट्राली के हिसाब से डब्ल्यू आर के नाम पर वसूल कर रहे हैं। बदले में बिना नाम लिखी पर्ची दी जा रही है। इस गारंटी पर की गाड़ी पकड़ने पर कंपनी छुड़ा कर देगी। जबकि शासन के नियमानुसार खदान को खरीदने वाली फर्म और ठेकेदार का नाम पर्ची पर होना जरूरी है। बावजूद इसके कई महीनों से यहां रेत का अवैध कारोबार जारी है। जानकारी के मुताबिक ठेकेदार द्वारा प्रति ट्रैक्टर ट्राली में रॉयल्टी दी जानी चाहिए ताकि खदान से उठ रहे रेत की शासन को हिसाब मिल सके। किंतु ठेका कंपनी द्वारा ट्रैक्टर संचालको को रॉयल्टी के मनमाने दाम बाता कर 1हजार रुपए प्रति ट्राली डब्ल्यू आर लेने को मजबूर किया जाता है। जो कि अवैद्य रूप से रेत की रायल्टी वसूल कर रहे है।

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रेत कंपनी नियम विरुद्ध कर रहे जमकर खुदाई

घोड़ाडोंगरी तहसील के आमडोह, शिवसागर, झोली और गांधीग्राम में जमकर रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। यहां रेत माफिया ठेकेदार और अधिकारियों से सांठगांठ कर रोजाना डंपरों और ट्रालियों से रेत ढो रहे हैं। एक ही पर्ची पर कई बार रेत ले जाकर बेची जा रही है। जिससे शासन को राजस्व की हानि हो रही है। इसी तरह लोनिया नदी के खापा और तीरभाटा में भी रेत का अवैध खनन हो रहा है। यहां दिन निकलते ही सैकड़ो ट्रैक्टर ट्रॉली नदी में उतरकर रेत का खनन कर रहे है। जिन रकबा क्रमांकों पर रेत उत्खनन की अनुमति ठेकेदार और अन्य एजेसियों को दी गई है। उनके द्वारा निर्धारित स्थान से हटकर भी रेत का खनन किया जा रहा है। कई स्थानों पर तो लोनिया नदी दो हिस्सों में बंटी हुई नजर आ रही है। तेंदूखेड़ा में तो यह आसानी से देखा जा सकता है। यहां पहले ठेकेदार द्वारा खनन किया गया है। ठेकेदार ने अवैध रूप से दिनरात रेत का खनन कर उसे ऐसे स्थान से भी निकाला है, जहां की अनुमति शासन से उसे प्राप्त नहीं थी। ऐसा ही नजारा अन्य तरफ की नदियों में भी देखने को मिल रहा है। जिस नदी और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है।

इनका कहना है 

पूरे जिले का रेत ठेका कंपनी को दिया गया है। जिसमें लोनिया खदान भी आवंटित किया गया है। साथ ही रॉयल्टी भी दी गई है। डब्ल्यू आर क्या होता है इसकी जानकारी हमें नहीं है। बगैर रॉयल्टी अगर रेत परिवहन किया जा रहा है तो यह गलत है। अपनी टीम भिजवा कर जांच करवाता हूं।

मनीष पलेवर, खनिज अधिकारी बैतूल (म. प्र)

 

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