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“एनआईटी त्रिची में लापता ओजस्वी गुप्ता का 17 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं” नोट में गहरे रहस्य, परिवार को इंसाफ की आस” – Madhya Pradesh Voice

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“एनआईटी त्रिची में लापता ओजस्वी गुप्ता का 17 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं” नोट में गहरे रहस्य, परिवार को इंसाफ की आस”


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03/10/2024 9:25 PM Total Views: 64043

भोपाल। 15 सितंबर को 21 साल की ओज्सवी गुप्ता ने चार पेज के खत में Love You NIT… आखिरी शब्द लिखे थे। इसके अलावा भी उसके खत में कई ऐसी बाते हैं जो इस समाज के मुंह पर करारा तमाचा हैं। यह खत लिखने के बाद से ओज्सवी लापता है, वह कहां है किसी को कुछ नहीं पता।

पढ़िए ओजस्वी का आखरी खत।

पिता उसे तलाश करके थक चुके हैं, पुलिस भी उसे खोजने के लिए खाक छान रही है। ओज्सवी ने देश में जेईई की परीक्षा में 72वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन अब वह लापता था। ओज्सवी मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली है और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी त्रिची) से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थी। तमिलनाडु पुलिस ओज्सवी को तलाश रही है। इंदौर में रहने वाले उसके परिजनों ने सीएम मोहन यादव के नाम ज्ञापन देकर ओज्सवी को तलाशे की मांग की है। आइए, जानते हैं ओज्सवी ने चार पेज के नोट में क्या लिखा, वह क्यों तनाव थी, उसके पिता ने क्या कहा ?

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यह कहानी है 17 दिन से लापता ओजस्वी गुप्ता की। ओजस्वी मध्य प्रदेश के इंदौर की एक मेधावी छात्रा है। उसने इंदौर के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की और फिर एक आईटी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी, लेकिन उसका सपना एनआईटी जाने का था। वह एनआईटी से पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहती थी। उसने जो ठाना वह किया भी। नौकरी के साथ साथ ओजस्वी ने जेईई की तैयारी शुरू की। जेईई की परीक्षा में उसने देश भर में 72वीं रैंक हासिल की। जिसके बाद उसे एनआईटी त्रिची में दाखिला मिल गया। एमसीए की पढ़ाई शुरू करने के लिए ओजस्वी ने अगस्त में कॉलेज ज्वाइन कर लिया। ओजस्वी पढ़ाई में तेज थी, एनआईटी जाते ही उसने यह साबित भी कर दिया। जिससे उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बना दिया गया। हालांकि, कहा जा रहा है कि ओजस्वी को क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनाए जाने के कारण कुछ लोग इससे खुश नहीं थी। खुद ओजसवी ने भी अपने नोट में इसका जिक्र किया है। 15 सितंबर को उसे आखिरी बार कॉलेज कैंपस से बाहर जाते हुए सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है। वापस नहीं आने पर उसकी तलाश शुरू की गई।

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14 सितंबर को परिवार से हुई थी आखरी बात

ओजस्वी के पिता नरेश गुप्ता बेटी के लापता होने की खबर मिलने के बाद से त्रिची में हैं। वे बेटी पुलिस के साथ मिलकर बेटी को तलाशने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेटी से रोजाना सुबह शाम बात होती थी। 14 सितंबर की रात आखिरी बार उससे बात हुई थी, लेकिन उसने कोई समस्या नहीं बताई थी। उसने कहा था कि वह अच्छी है, मुझे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बना दिया है। इस कारण दिन में पढ़ाई नहीं तो पाती है, रात को मुझे पढ़ना है। 15 सितंबर को बेटी को कॉल किया तो उसने रिसीव नहीं किया, हमने सोचा क्लास चली गई होगी। लेकिन, रात को एनआईटी से कॉल आया कि आपकी बेटी लापता है। उसका कुछ पता नहीं चल रहा है, आपको इसके बारे में जानकारी है। तो पिता ने कहा कि मेरी उससे सुबह से बात नहीं हुई है। इसके बाद थाने में ओजस्वी के लापता होने का केस दर्ज कराया गया।

आखिरी रात क्या हुआ था?

ओजस्वी के साथ हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों का कहना है कि वह रात तीन बजे तक हमारे साथ पढ़ रही थी। इसके बाद सब सो गए, सुबह करीब सात बजे उठे तो वह कमरे में नहीं थी। हमने सोचा कहीं बाहर गई होगी, लेकिन सुबह आठ बजे तक वापस नहीं आई। काफी देर तक उसका इंतजार करते रहे, इस बीच उसके कमरे में रखा बैग चेक किया तो उसमें चार पेट का लेटर मिला है। इसमें उसने मानसिक तनाव में होने और सीआर (क्लास रिप्रेजेंटेटिव) बनने के बाद से टॉर्चर करने जैसी कई बातें लिखी हैं।

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