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‘सीजफायर’ का उल्लंघन! पाकिस्तान ने फिर दिखाया ‘दुस्साहस’, 22 बार ‘पिटने’ के बाद भी बाज नहीं आ रहा! – Madhya Pradesh Voice

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‘सीजफायर’ का उल्लंघन! पाकिस्तान ने फिर दिखाया ‘दुस्साहस’, 22 बार ‘पिटने’ के बाद भी बाज नहीं आ रहा!


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10/05/2025 10:30 PM Total Views: 270948

नई,दिल्ली। जिस पाकिस्तान के एक के बाद एक सैन्य ठिकाने भारत की जवाबी कार्रवाई में निशाना बन रहे थे, उसका अचानक संघर्ष विराम के लिए राजी हो जाना किसी नाटकीय घटनाक्रम से कम नहीं था। शाम 6 बजे भारत ने संघर्ष विराम की पुष्टि की थी और बताया कि पाकिस्तान की पहल पर बातचीत हुई और दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हुए। ऐसा प्रतीत हुआ कि भारत का कड़ा रुख तो जारी रहेगा, लेकिन सरहदों पर हालात सामान्य हो जाएंगे। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। पाकिस्तान अपनी फितरत से बाज नहीं आया और उसने संघर्ष विराम तोड़ने की हिमाकत कर दी। सबसे पहले श्रीनगर में धमाके सुने गए। नियंत्रण रेखा पर फायरिंग हुई। कच्छ जैसे इलाकों में ड्रोन देखे गए। खबर लिखे जाने तक कई कई शहरों में ताबड़तोड़ ब्लैकआउट हो चुका था।

इससे पहले, भारत की मुंहतोड़ और ताबड़तोड़ जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली की कमर बुरी तरह टूट गई थी। उसने खुद बातचीत की पहल की, तब भारत राजी हुआ और संघर्ष विराम पर सहमति बनी। हालांकि, अमेरिका के दावों के विपरीत किसी तीसरे पक्ष ने इस बातचीत में मध्यस्थता नहीं की। संघर्ष विराम की घोषणा क्यों और कैसे हुई? इस पर भारत, पाकिस्तान और अमेरिका का क्या कहना है :—

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जिस पाकिस्तान के एक के बाद एक सैन्य ठिकाने भारत की जवाबी कार्रवाई में निशाना बन रहे थे, उसका अचानक संघर्ष विराम के लिए राजी हो जाना किसी नाटकीय घटनाक्रम से कम नहीं था। शाम 6 बजे भारत ने संघर्ष विराम की पुष्टि की थी और बताया कि पाकिस्तान की पहल पर बातचीत हुई और दोनों देश सीजफायर के लिए राजी हुए। ऐसा प्रतीत हुआ कि भारत का कड़ा रुख तो जारी रहेगा, लेकिन सरहदों पर हालात सामान्य हो जाएंगे। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। पाकिस्तान अपनी फितरत से बाज नहीं आया और उसने संघर्ष विराम तोड़ने की हिमाकत कर दी। सबसे पहले श्रीनगर में धमाके सुने गए। नियंत्रण रेखा पर फायरिंग हुई। कच्छ जैसे इलाकों में ड्रोन देखे गए। खबर लिखे जाने तक कई कई शहरों में ताबड़तोड़ ब्लैकआउट हो चुका था।

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इससे पहले, भारत की मुंहतोड़ और ताबड़तोड़ जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली की कमर बुरी तरह टूट गई थी। उसने खुद बातचीत की पहल की, तब भारत राजी हुआ और संघर्ष विराम पर सहमति बनी। हालांकि, अमेरिका के दावों के विपरीत किसी तीसरे पक्ष ने इस बातचीत में मध्यस्थता नहीं की। संघर्ष विराम की घोषणा क्यों और कैसे हुई? इस पर भारत, पाकिस्तान और अमेरिका का क्या कहना है, आइए जानते हैं….

1. सबसे पहले जानते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई?

16 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने भड़काऊ बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम हिंदुओं से अलग हैं। हमारा महजब, हमारी सोच अलग है। हम भारत के खिलाफ संघर्ष करने वाले अपने कश्मीरी भाइयों को नहीं छोड़ेंगे।

इसी के बाद 22 अप्रैल कश्मीर के पहलगाम स्थित बायसरन घाटी में पर्यटकों को आतंकियों ने उनका धर्म पूछकर गोली मारी। सारे हिंदू पुरुषों को एकतरफ खड़ा कर उन्हें उनके परिवार के सामने मार दिया गया। इसमें 25 भारतीयों और एक नेपाली पर्यटक की मौत हुई।

भारत ने विरोध स्वरूप पाकिस्तान से सिंधु जल संधि निलंबित कर दी। आयात-निर्यात रोक दिया। पाकिस्तानी नागरिकों से देश छोड़ने को कहा गया। साथ ही, उच्च स्तरीय बैठकों की शुरुआत हुई और आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार होने लगी।

6-7 मई की दरमियानी रात 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच भारतीय शस्त्रों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। 25 मिनट में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में नौ जगहों पर 24 मिसाइलें दागकर आतंकी ढांचों की कमर तोड़ दी। इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी शिविर शामिल थे। नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलाबारी कर रहे पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद उकसावे वाली हरकतें और तेज कर दीं।

2. भारत का रक्षा कवच भेद नहीं पाया पाकिस्तान, उल्टा उसके सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा

8 मई से 10 मई के बीच पाकिस्तान ने भारत के 15 सैन्य ठिकानों और 26 से ज्यादा शहरों पर ड्रोन से हमलों की कोशिश की। इस दौरान भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया।

पाकिस्तान को उसके 13 सैन्य ठिकानों पर भारी नुकसान पहुंचा। इसके लिए उसके नौ आतंकी ठिकाने पहले ही ध्वस्त किए जा चुके थे।

पाकिस्तान भारत के वायु रक्षा कवच को भेद नहीं पाया। पाकिस्तान की तरफ से 400 से ज्यादा ड्रोन दागे गए। हाई स्पीड मिसाइलों का भी इस्तेमाल हुआ। भारत ने सभी को इंटरसेप्ट कर दिया।

भारत ने जवाबी कार्रवाई में पहले लाहौर स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया गया। फिर आठ ठिकानों सियालकोट एविएशन बेस, पसरूर रडार साइट, चकलाला, मुरीद, रफीकी, चुनियान, रहमियार खान और सुक्कूर एयरबेस पर जवाबी हमले किए गए। इनमें पाकिस्तान के तकनीकी प्रतिष्ठान, कमांड और कंट्रोल केंद्र, रडार साइट्स और हथियार भंडार वाली जगहें शामिल थीं। इस तरह पहले दो दिन में उसके नौ ठिकानों को नुकसान पहुंचा।

आखिरी दिन भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को जैकबाबाद, सरगोधा, स्कर्दू और भोलारी में बहुत नुकसान पहुंचा। पाकिस्तान के एयर डिफेंस वेपन सिस्टम और रडार सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया गया। इससे पाकिस्तान का एयरस्पेस बेकार हो गया। इस तरह उसे कुल 13 सैन्य ठिकानों पर नुकसान उठाना पड़ा।

नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कमांड एंड कंट्रोल और अन्य स्थानों को इतना भारी नुकसान हुआ कि पाकिस्तान की आक्रामक, रक्षात्मक को नुकसान पहुंचा। उसके हौसले भी पस्त हो गए।

3. नौ आतंकी ठिकानों की वजह से शर्मसार हुआ पाकिस्तान

इससे पहले भारत ने मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैम्प और मरकज सैयदना बिलाल कैम्प, कोटली में गुलपुर कैम्प और अब्बास कैम्प, भीमबेर में बरनाला कैम्प, सियालकोट में सरजल कैम्प और महमूना जोया कैम्प, मुरीदके में मरकज तैयबा कैम्प और बहावलपुर में मरकज सुभानअल्लाह कैम्प को नेस्तनाबूद कर दिया था। पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि भारत ने मिसाइल हमले किए हैं। इससे उसे दुनियाभर में शर्मिंदगी उठानी पड़ी। 13 सैन्य और नौ आतंकी ठिकानों को मिलाकर उसे कुल 22 ठिकानों पर मुंह की खानी पड़ी।

4. दुनिया में नहीं मिला साथ

अगर सिर्फ तुर्किये को छोड़ दें कि किसी भी देश ने खुलकर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। पाकिस्तान को रक्षा साजो-सामान की आपूर्ति करने वाला चीन भी दोनों पक्षों से शांति और संयम की अपील करता रहा। वहीं, अमेरिका, रूस, इस्राइल, ब्रिटेन जैसे देश पहलगाम आतंकी की निंदा कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रति समर्थन जाहिर कर चुके थे। अमेरिका ने पाकिस्तान पर जाहिर तौर पर दबाव बनाया।

5. सरकार का सख्त संदेश

संघर्ष विराम से पहले भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने कहा कि भविष्य में कोई भी आतंकी वारदात होने पर उसे देश के खिलाफ ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा।

6. ट्रंप ने श्रेय लेने की कोशिश की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम का श्रेय लेने की कोशिश की। उन्होंने भारतीय समयानुसार शाम 5:25 बजे सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की। इसमें उन्होंने रातभर बातचीत चलने और ‘मध्यस्थता’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, ”अमेरिका की मध्यस्थता में रातभर चली बातचीत के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूरी तरह और तुरंत संघर्ष विराम के लिए राजी हो गए हैं। मैं दोनों देशों को सामान्य सूझबूझ के लिए बधाई देता हूं। इस बारे में ध्यान देने की धन्यवाद!”

7. अमेरिकी विदेश मंत्री एक एकदम आगे बढ़ गए

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने 12 ही मिनट बाद एक कदम आगे जाकर ट्वीट किया। इसमें दोनों देशों के प्रधानमंत्री और बाकी नेतृत्व का जिक्र किया और विस्तृत मुद्दों पर चर्चा की बात कह दी। उन्होंने कहा, ”उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और मैंने भारत और पाकिस्तान क कई वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिफ आसिम मुनीर और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार आसिम मलिक शामिल थे। दोनों ही देश तुरंत संघर्ष विराम करने और एक निष्पक्ष स्थान पर विस्तृत मुद्दों पर बातचीत को तैयार हो गए हैं। हम प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की उनकी बुद्धिमत्ता और राजनीतिक कौशल के लिए तारीफ करते हैं कि उन्होंने शांति का रास्ता चुना।”

8. अमेरिका के दावों में कितनी सच्चाई?

इस बीच, विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रेस वार्ता का इंतजार किया जा रहा था। तभी 12 मिनट पहले सरकार के सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई को मिली जानकारी में अमेरिका के दावों की हकीकत सामने आ गई। सूत्रों ने जानकारी दी कि भारत-पाकिस्तान के बीच गोलाबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के मुद्दे पर प्रयास दोनों देशों ने ही सीधे तौर पर किए। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने शनिवार दोपहर को बातचीत की पहल की। इसके बाद चर्चा हुई और आपसी समझ बनाई गई। फिलहाल किसी और मुद्दे पर बातचीत का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

9. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अमेरिका के समक्ष नतमस्तक नजर आए। उन्होंने कहा कि हम ट्रंप के नेतृत्व और क्षेत्र में अमन के लिए उनकी सक्रिय भूमिका का शुक्रिया अदा करते हैं। इस नतीजे पर पहुंचने में मदद करने के लिए पाकिस्तान अमेरिका के प्रयासों की प्रशंसा करता है।

हालांकि, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया, उसमें किसी तीसरे देश की मध्यस्थता का जिक्र नहीं था। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम को तुरंत रोकने को तैयार हो गए हैं। पाकिस्तान ने हमेशा से क्षेत्र में अमन और सुरक्षा चाही है।

10. विदेश सचिव आए और संघर्ष विराम की घोषणा कर दी 

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शाम 6 बजे प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सैन्य ऑपरेशंस के महानिदेशक (डीजीएमओ) ने शनिवार दोपहर 3:35 बजे भारत के डीजीएमओ से बातचीत की। दोनों के बीच सहमति बनी कि जमीन, हवा और समुद्र के रास्ते शनिवार शाम 5 बजे से सभी तरह की फायरिंग रोक दी जाएगी।

अब आगे क्या? 

दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच अगली बातचीत 12 मई को दोपहर 12 बजे होगी। दोनों ही पक्षों को यह इस आपसी सहमति को अमल में लाने के निर्देश दे दिए गए हैं। भारत ने इसके साथ यह स्पष्ट कर दिया है कि सिंधु जल संधि के निलंबन समेत 23 अप्रैल को लिए गए उसके सभी फैसले बरकरार रहेंगे।

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